Swati Sharma

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वार्षिक प्रतियोगिता कविता:- 8:- अनाज

वार्षिक 

कविता :-अनाज:-

इसकी क्या कीमत पूछते हो जनाब,
इसका स्वाद होता न कभी खराब।
जब भी पूछोगे इसका हिसाब,
भूल जाओगे ; खाना कबाब।
इंसान से लेकर परिंदो तक ; सब जाने इसका स्वाद,
जो है सभी की ज़रूरत; लाजवाब।
जिसका खाने में  कभी न आए लाज,
उसका नाम है केवल... अनाज।

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6 Comments

Simran Bhagat

12-Mar-2022 06:48 PM

Nyc🔥🔥

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Swati Sharma

12-Mar-2022 11:11 PM

Thanks

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Gunjan Kamal

11-Mar-2022 09:39 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Swati Sharma

12-Mar-2022 11:11 PM

आपका हार्दिक आभार

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Seema Priyadarshini sahay

07-Mar-2022 05:07 PM

बहुत खूबसूरत

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Swati Sharma

08-Mar-2022 11:00 PM

आपका हार्दिक आभार

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